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शिव मंदिर में कछुआ और नन्दी की पूजा क्यों ?
श्रावण मास आते ही शिव मन्दिर में शिव के भक्तगणों की भीड़ थामे नहीं थमती है। हर तरफ शिवमय वातावरण रहता है। बच्चे हों या बूढ़े सभी महादेव...
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लेखक - भवभूति विधा - नाटक प्रधान रस - करुण रीति - वैदर्भी रीति करुण प्रसंगों में और वीर रस के प्रसंगों में गौडी अङ्क - सात उपजीव्य - 1...
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महाकवि ने वर्णन की दृष्टि से मेघदूत को दो भागों में विभक्त किया है 1. पूर्वमेघ 2. उत्तरमेघ। पूर्वमेघ में अलका के लिए प्रस्थान करने वाले मेघ ...
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14वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी के मध्य के समय को हिन्दी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल के नाम से जाना जाता है। यह कालखण्ड काव्यानुभूति...
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