सोमवार, 29 अप्रैल 2024

CTET Notes

CDP (Part - 1)

वृद्धि एवं विकास (Growth)

वृद्धि (Growth) -  शरीर के मात्रात्मक पहलुओं में होने वाले परिवर्तन को वृद्धि कहते हैं । परिवर्तन जिन्हें मापा जा सकता है जैसे शरीर की ऊंचाई, वजन, आकार आदि। वृद्धि एक आजीवन चलने वाली प्रक्रिया नहीं है। यह परिपक्वता तक चलती है। (Growth is change in quantitative aspects of our body. Change that can be measured such as height, weight, size and shape of the body. Growth is  not a lifelong process. It goes on till maturity.)

परिवक्वता (Maturity) - परिपक्वता समय के साथ वंशानुगत विशेषताओं का प्रकट होना है ।  अथवा परिपक्वता पर्यावरण के प्रति उचित तरीके से प्रतिक्रिया करने की क्षमता है जो आनुवांशिकता से अत्याधिक संबंधित है। अथवा जैविक वृद्धि और विकास को परिपक्वता के रूप में जाना जाता है । (Maturation is the unfolding of hereditary characteristics from time to time. Maturity is the ability to respond to the environment in an appropriate manner and is highly related to heredity. Biological growth and development is known as maturation.)
  • वृद्धि को मापा जा सकता है । 
  • एक बच्चे की वृद्धि मुख्य रूप से शारीरिक विकास से संबंधित होती है जो कि जीवन भर मनुष्यों में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को सन्दर्भित करती है।
  • वृद्धि विशेष रूप से भौतिक आकार और जटिलता में वृद्धि को संदर्भित करता है ।
  • इसमें ऊंचाई, वजन और समग्र अनुपात में वृद्धि शामिल है।
  • इसमें हड्डी की लंबाई, मांसपेशी द्रव्यमान और अंग के आकार में परिवर्तन शामिल हैं ।
  • वृद्धि का सम्बन्ध बच्चे के व्यक्तित्त्व के शारीरिक आयाम से है।
  • शैशवावस्था में शारीरिक वृद्धि तीव्र होती है। किशोरावस्था में भी शारीरिक विकास तेजी से होता है लेकिन शैशवावस्था में यह किशोरावस्था की तुलना में तेज होता है ।
  • वृद्धि और विकास की दर एक समान नहीं होती है।
  • वृद्धि एक सक्रिय गतिशील प्रक्रिया है जिसमें मात्रात्मक परिवर्तन शामिल है।
  • मात्रात्मक रूप से मापने को वृद्धि कहा जाता है जो विकास की एक सबसेट है।
  • वृद्धि बाल्यावस्था का एक महत्त्वपूर्ण गुण है। वृद्धि की प्रक्रिया भ्रूण के गर्भाधान से शुरू होती है और किशोरावस्था तक जारी रहती है, जब बच्चा वयस्कता में परिपक्व होता है।
  • प्रारंभिक बाल्यावस्था लगभग 2 से 6 वर्ष की आयु की अवधि है । मध्य बाल्यावस्था लगभग 6 से 12 वर्ष की आयु की अवधि है ।
  • प्रारंभिक बाल्यावस्था में वृद्धि धीमी हो जाती है और सोच कुछ हद तक आत्मकेंद्रित हो जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे अभी भी अपने आसपास की दुनिया और उसमें अपने स्थान के बारे में सीख रहे हैं।
  • वृद्धि वजन, ऊंचाई और आकार में परिवर्तन के संदर्भ में निरंतर है ।
  • प्रारंभिक बाल्यावस्था में वृद्धि स्थिर है और सोच कुछ हद तक आत्मकेंद्रित है, जबकि मध्य बाल्यावस्था में वृद्धि धीमी और सोच तार्किक है।
  • प्रथम दाँत निकलने (दिखने) की औसत आयु लगभग 7 महीने होती है, हालांकि कुछ शिशुओं के प्रथम दाँत पहले या बाद में आ सकते हैं।
  • निचले केंद्रीय कृन्तक, जो निचले जबड़े पर सामने के दो दाँत होते हैं, आमतौर पर सबसे पहले निकलते हैं।
विकास (Development) -
D  - Direction (दिशा)
E  - Engage (जुड़ाव)
V  - Variety (विभिन्नता)
- Explore  (खोज)
- Life long (जीवन पर्यन्त)
- Overall (सम्पूर्ण)
- Productive/Process/Physical (उत्पादक/अभिक्रिया, शारीरिक)
- Moral/Mental (नैतिक,मानसिक)
- Emotional (संवेगात्मक)
- Nurture (पोषण)
- Total  (कुल योग)

👉 विकास एक बड़ी प्रक्रिया है और अभिवृद्धि विकास का एक भाग है। वृद्धि, परिपक्वता और अधिगम ये सब विकास के एक भाग हैं।
  • बाल विकास - जन्म से 18 वर्ष और मानव विकास - जन्म से मृत्यु तक होता है।
  • निर्भरता से स्वायत्ता की ओर जाना विकास है।
  • विकास जीवन में बढ़ने, बदलने और परिपक्व होने की प्रक्रिया है।
  • विकास परिवर्तनों की एक श्रृंखला है, जो परिपक्वता और अनुभव के परिणामस्वरूप एक क्रमबद्ध, अनुमानित स्वरूप में होती है। 
  • विकास परिवर्तनीय है।
  • विकास प्रसव पूर्व या जन्मपूर्व अवस्था (Womb to tomb) से शुरु होती है और व्यक्ति की मृत्यु तक चलती है।
  • विकास कई प्रकार का होता है, जैसे भावनात्मक विकास, सामाजिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, शारीरिक विकास, नैतिक विकास आदि।
  • विकास से तात्पर्य अंगों के बेहतर और संवर्धित कार्य के लिए संरचना में वृद्धि से है।
  • विकास में बच्चे की परिपक्वता की ओर यात्रा की पूरी प्रक्रिया शामिल होती है, जिसमें मात्रात्मक (विकास) और गुणात्मक (संज्ञानात्मक, भावनात्मक, सामाजिक) दोनों परिवर्तन शामिल होते हैं।
  • विकासः आनुवंशिकता एवं वातावरण की अंतःक्रिया का परिणाम है। जो कि निम्न कारकों पर निर्भर है - आनुवंशिक बनावट, भौतिक वातावरण तथा सामाजिक सांस्कृतिक कारक।
  • विकास - अंतःक्रिया की प्रक्रिया, विषमरूपता स्वरूप का अनुसरण, अनुमानित और अनुक्रमिक, बहुआयामी, विकास दर भिन्न, पूर्वकथनीय, संचयी, सामान्य से विशिष्ट।
  • एक बच्चे के विकास की प्रगति को उसी उम्र के बच्चों के विकास की दर से तुलना करके सटीकता से मापा नहीं जा सकता है, क्योंकि विकास एक बहुमुखी प्रक्रिया है जिसमें वृद्धि के साथ साथ अन्य अनेक बातें समाहित रहती हैं।
  • विकास के फलस्वरूप व्यक्ति में नवीन क्षमताएं प्रकट होती हैं।
  • विकास का स्वरूप व गति सभी बच्चों के लिए एक समान नहीं होता है, क्योंकि यह बालकों की व्यक्तिगत भिन्नताओं से प्रभावित होता है। साथ ही सांस्कृतिक परिवेश में भी बदलता रहता है।
Stage of Development - 

1. शैशवावस्था (Infancy) - 0 - 2
2. पूर्व बाल्यावस्था (Early childhood) - 2 - 6
3. उत्तर बाल्यावस्था (Later Childhood)  6 -12
4. किशोरावस्था (Adolescence) 12 - 18
👉 W.H.O का मानना है कि 10-19 वर्ष का आयु वर्ग किशोरावस्था के अन्तर्गत आता है।
👉 शैशवावस्था के पहले भी एक अवस्था होती है जिसे Prenatal Stage (प्रसवपूर्व अवस्था) कहते हैं। इस अवस्था में बच्चा गर्भ (माँ के पेट) में ही होता है। इसका समय अंतराल गर्भाधान से जन्म अर्थात् 9 महीना 10 दिन/280 दिन/40 सप्ताह तक का होता है। इस अवस्था का पूर्ण विकास गर्भवती माँ पर निर्भर करता है ।

शैशवावस्था (0 - 2)  - 
  • ज्ञानेन्द्रियों से सीखता है । 
  • गति क्रिया (Motor Action) करके सीखेगा, प्याजे का भी कहना है।
  • खतरा भरा होता है (Sensitive Period)
  • Physical Development./Mental Development, तेज होता है।
पूर्व बाल्यावस्था (2-6) -
  • खिलौना आयु (toy age) (Play age), एरिक इरिक्सन (Erikson)
  • Fastest Language Development
  • नकल करके सीखना
  • भाषा विकास के लिए पूर्व बाल्यावस्था Sensitive/Critical/Fastest Language Development
  • Physical Development, Fastest (After Birth), Socialization is also rapid.
उत्तर बाल्यावस्था ( 6 - 12) -
  • टोली अवस्था (Gang age), Game age/Sports
  • Elementary school age, Long term friendshp age
  • Physical Development Slow
  • Pseudo Maturity (मिथ्या परिपक्वता)
  • Motor Development Fastest.
  • Latency Stage (सुष्पता अवस्था) - फ्रॉयड
  • Industry vs Inferiority - Erikson
  • Concrete operational  - Piaget
किशोरावस्था (12 - 18) -
  • परिवर्तन का काल (Transitional Period) (संक्रमण काल)
  • स्वर्णिम काल, तनाव और तूफान की अवस्था, Leadership skills, Lacks Emotional Stability, Bridge Period, Adolescent Egocentrism, spring Season (बसंत काल)
  • Identity Crisis का अर्थ है कि बच्चा यह ढूंढ रहा है मैं हूँ,  कौन ? - एरिक इरिक्सन के अनुसार
विकास के सिद्धान्त

1. विकास की दिशा का सिद्धान्त (Principle of Direction of Development) - जन्म के समय बच्चों का सिर शरीर का 1/4 (25%) होता है ।
  • मस्तकोधमुखी (Cephalocaudal): मस्तिष्क से पैरों की ओर । गामक विकास (motor development)
  • समीप-दूराभिमुख (Proximodistal) : समीपस्थ से दूरस्थ/केन्द्र से परिधि की ओर/रीढ़ की हड्डी से भुजाओं, हाथों तथा अंगुलियों की ओर/अन्दर से बाहर की ओर।
2. समान प्रतिमान का सिद्धान्त (Principle of Uniform Pattern) -
  • प्रत्येक जीव अपनी जाति के समान विकास प्रतिमान का अनुसरण करता है। जैसे - हाथी का बच्चा हाथी के जैसा ही दिखाई देता है चाहे आकार छोटा हो या बड़ा। (Each organism follows the same development pattern of its species.)
3. निश्चित क्रम का सिद्धान्त (Principle of Definite Order) -
  • विकास एक निश्चित क्रम के अनुसार होता है, जैसे जीवन का प्रारम्फ भ्रूणावस्था से होता है उसके बाद क्रमशः शैशवावस्था,  बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था आती है।
  • इसी प्रकार सभी बालक पहले पलटना सीखते हैं, उसके बाद क्रमशः बैठना, घुटनों के बल चलना, खड़ा होना, चलना तथा दौड़ना सीखता है।
4. विकास की विभिन्न गति का सिद्धान्त (Principle of Different rate of Development) -
  • एक ही जाति के दो जीवों का विकास क्रम समान होता है, किन्तु उन दोनों जीवों में विकास की गति ेवं दर हमेशा एक समान नहीं रहती है, यह भिन्न-भिन्न अवस्थाओं के अनुसार परिवर्तित होती रहती है। जैसे- मनुष्य में शैशवावस्था में वृद्धि एवं विकास की दर तीव्र होती है तथा बाल्यावस्था में मंद हो जाती है एवं किशोरावस्था आने पर विकास की गति पुनः तीव्र हो जाती है एवं प्रौढ़ावस्था में एक बार फिर मंद हो जाती है।
प्रश्नोत्तरी -

प्रश्न 1. सना ने अपनी कमीज का बटन बंद करने व कलम पकड़ना सीखने से पहले गिलास और बोतल पकड़ना सीख लिया है। यह उदाहरण किस ओर संकेत करता है ?
(a) विकास एक आयामी है।
(b) विकास की दिशा शीर्षगामी है।
(c) विकास का क्रम अनिश्चित है।
(d) विकास की दिशा अधोगामी है।

प्रश्न 2.एक बच्चा पेंसिल पकड़ने और लिखने से पहले गेंद फेंकने की क्षमता प्राप्त कर लेता है। यह स्थिति विकास के किस सिद्धान्त की ओर इशारा करती है ?
(a) शीर्षगामी सिद्धान्त (Cephalo caulal principle
(b) अधोगामी सिद्धान्त (Proximo-Distal principle)
(c) स्वरूप की एकरूपता (Uniformity of Pattern)
(d) एकीकरण का सिद्धान्त (Principle of Integration)

प्रश्न 3. वृद्धि हमेशा बच्चे की उम्र के अनुरूप होती है। यह..................के सिद्धान्त के कारण होता है -
(a) निरंतरता (Continuity)
(b) समान प्रतिमान (Uniform pattern)
(c) एकीकरण (Integration)
(d) वैयक्तिक भिन्नता  (Individual Differences)

प्रश्न 4. वृद्धि और विकास के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है ?
(a) वृद्धि आम तौर पर मात्रात्मक परिवर्तनों को संदर्भित करती है जबकि विकास गुणात्मक परिवर्तनों को संदर्भित करता है ।
(b) वृद्धि पर्यावरण का ही कार्य है।
(c) परिपक्वता प्राप्त होने पर वृद्धि रुक जाता है।
(d) वृद्धि जीव के आंतरिक और आनुवंशिक कारकों द्वारा निर्धारित होती है।

प्रश्न 5. आनुवंशिक स्वभावों के पूर्वनिर्धारित प्रकटीकरण की प्रक्रिया कहा जाता है -
(a) अनुकूलन
(b) सीखना
(c) समाजीकरण
(d) परिपक्वता

प्रश्न 6. परिपक्वन है एक -
(a) विकासात्मक प्रक्रिया
(b) अनुभवात्मक प्रक्रिया
(c) सामाजीकरण प्रक्रिया
(d) समायोजन प्रक्रिया

प्रश्न 7. निम्नलिखित कथनों मे से सर्वाधिक सही है-
(a) लड़को की अपेक्षा लड़कियाँ तेजी से परिपक्व हो जाती हैं।
(b) लड़को एवं लड़कियों की परिपक्वता दर में कोई सामान्य अंतर नहीं होता है।
(c) अधिकांश लड़कियाँ, अधिकांश लड़कों की अपेक्षा, अधिक शीघ्रता से परिपक्व हो जाती है ।
(d) लड़कियों की अपेक्षा लड़के तेजी से परिपक्व हो जाते हैं।

प्रश्न 9. कौन सा शब्द एक बच्चे की शारीरिक वृद्धि को समसे अच्छी तरह वर्णित करता है -
(a) गुणात्मक
(b) संकल्पनात्मक
(c) मात्रात्मक
(d) असंगठित

प्रश्न 10. निम्नलिखित में से कौन सा कथन अभिवृद्धि की विशेषता को नहीं दर्शाता -
(a) यह मात्रात्मक पक्ष है।
(b) यह मापनीय नहीं है।
(c) यह जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया नहीं है।
(d) यह केवल शारीरिक विकास दर्शाता है ।


सृजनात्मकता और बुद्धि (Creativity and Intelligence) -
  • Researchers have fond that the relationship between creativity and intelligence is positive, अर्थात् हर एक तेज IQ वाला बच्चा रचनात्मक हो, यह आवश्यक नहीं है।
Creativity के तत्त्व (Elements) -     Trick - FFOE
 
F = Fluency (धारा-प्रवाह)
F = Flexibility (लचीलापन)
O = Original (मौलिकता)
E = Elaboration  (विस्तार)

J.P. Guilford ने thinking को दो भागों में प्रस्तुत किया है-

 (अपसारी सोच)                                 (अभिसारी सोच)
Open-Ended                                        Closed-Ended
Related to creativity                            related to intelligence
Out of the box                                     MCQ, Solve करने में
Multiple Solutions                               Limited Solutions

👉 अपसारी सोच वाला प्रत्येक व्यक्ति Creative नहीं होगा हर Creative व्यक्ति अपसारी सोच (Divergent thinking) अवश्य रखता होगा।

अल्बर्ट बंडूरा (सामाजिक अधिगम सिद्धान्त)

सामाजिक अधिगम का सिद्धान्त के प्रतिपादक बंडूरा और वाटसन थे।  इन्होने बोबो डॉल पर प्रयोग किया । अल्बर्ड बंडूरा कनाडा के निवासी हैं और उन्होंने सामाजिक अधिगम का सिद्धान्त दिया । इस सिद्धान्त में दूसरों के व्यवहार को देखकर सीखा जाता है। समाज के मान्य व्यवहार को अपनाया जाता है तथा अमान्य व्यवहार को नकारा जाता है । बंडूरा के अनुसार हम अपने चारों तरफ के वातारण से सीखते रहते हैं। बन्डूरा के अनुसार अधिगम के प्रतिमानों सामाजिक अधिगम का सिद्धान्त के प्रतिपादक बंडूरा और वाटसन थे। बन्डूरा के अनुसार हम अपने चारों तरफ के वातावरण से सीखते रहते हैं। बन्डूरा के अनुसार सामाजिक अधिगम में प्रतिमानों (Model) की भूमिका व्यक्तित्व के विकास में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।

अन्य नाम - 
  • सामाजिक अधिगम सिद्धान्त
  • अवलोकन का सिद्धान्त (Observational learning)
  • अप्रत्यक्षात्मक का सिद्धान्त
  • प्रेक्षणात्मक का सिद्धान्त
  • निर्देशन का सिद्धान्त
  • अनुकरण का सिद्धान्त (Imitation)
प्रक्रिया (Process) - 4 Step हैं - (Trick - ARRM आराम)
A - Attention Process (ध्यानात्मक प्रक्रिया) - किसी भी का को सीखने के लिए ध्यान लगाना जरूरी है क्योंकि जब तक हम अपना ध्यान केन्द्रित नहीं करेंगे तो अच्छी तरह से नहीं सीख पाएंगे। 
R - Retention Process (धारणात्मक प्रक्रिया) - किसी काम को करने के लिए हमें स्मृति की जरुरत अवश्य होगी, क्योंकि जब तक हम अपनी स्मृति में कुछ धारण नहीं करेंगे तो आगे उसे प्रयुक्त नहीं कर पाएंगे।
R - Re-production Process (उत्पादन प्रक्रिया) - जब हम बार - बार किसी प्रक्रिया का अभ्यास करते रहते हैं तो उसमें महारत हासिल कर लेते हैं। हम अपनी स्मृति का सहारा लेकर अनेक दिशाओं में उसका उपयोग कर सकते हैं।
M - Motivation Process (अभिप्रेरणात्मक प्रक्रिया) - अभिप्रेरणा सीखने को प्रभावित करती है क्योंकि अगर बच्चों को हम पुरस्कार और प्रशंसा देते रहेंगे तो उनका मनोबल ज्यादा होगा।

प्रश्न 1- बन्डूरा के सामाजिक अवलोकन पर आधारित सिद्धान्त में निम्नलिखित मे से कौन सी प्रक्रिया होती है ?
A - स्वचिन्तन             B- प्रतिधारण                 C- पुनरावृत्ति      D- सार को दोहराना

प्रश्न 2 - सामाजिक अधिगम का सिद्धान्त निम्नलिखित में से घटक पर बल देता  है ?
A - प्रकृति        B- पोषण            C-  अनुकूलन       D - पाठ-संशोधन

प्रश्न 3- बन्डूरा ने सामाजिक अधिगम की समग्र प्रक्रिया के सन्दर्भ में कौन से शब्द का उपयोग किया ?
A- सुदृढीकरण         B- मॉडलिंग      C- अनुकूलन     D-  आत्म-प्रभाव

प्रश्न 4 - बन्डूरा का अवलोकन अधिगम किस पर बल देता है ?
A- सामाजिक अपेक्षाओं के संचरण
B- अनुकूलन के कारण व्यवहार में परिवर्तन
C- दंड एवं पुरस्कार
D- अनुकरण और मॉडलिंग की प्रक्रिया

प्रश्न 5 - सामाजिक अधिगम के सिद्धान्त के लिए निम्न में से कौन सा कथन सत्य है ?
A- बच्चे अवलोकन के माध्यम से सीखते हैं।
B- बच्चे अपने आदर्श की नकल करते हैं।
C- अधिगम व्यवहार में परिवर्तन हेतु आवश्यक नहीं है।
D- उपरोक्त सभी

प्रश्न 6 - मॉडलिंग की प्रक्रिया में निम्न में से कौन सा कार्य पर्यवेक्षक की स्मरण शक्ति पर निर्भर करेगा ?
A- ध्यान      B- अवधारणा         C- प्रतिकृति     D- उपरोक्त में से कोई नहीं 

प्रश्न 7- शिक्षार्थी फैशन शो को देखकर मॉडल्स का अनुकरण करने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार के अनुकरण को ..............कहा जा सकता है।
A- प्राथमिक अनुकरण
B- गौण अनुकरण
C- सामाजिक अधिगम
D- सामान्यीकरण

प्रश्न 8- बच्चे फिल्मों में दिखाए गए हिंसात्मक व्यवहार को सीख सकते हैं। यह निष्कर्ष निम्नलिखित में से किस मनोवैज्ञानिक द्वारा किए गए कार्य पर आधारित हो सकता है -
A- एडवर्ड एल. थार्नडाइक
B- जेबी वाटसन
C- एल्बर्ट बंडूरा
D- जीन पीयाजे

प्रश्न 9- कक्षा में एक बच्चा अपने सहपाठियों से इस तरह व्यवहार करता है और जैसे उससे उसके घर में बर्ताव किया जाता है। यह किसका उदाहरण है -
A- संरचनावाद
B- अवलोकन अधिगम
C-सामाजिक संरचनावाद
D- मानववादी अधिगम

प्रश्न 10- एल्बर्ट बन्डूरा के सामाजिक अधिगम सिद्धान्त के अनुसार निम्न में से कौन का सही है ?
A - खेल अनिवार्य है और उसे विद्यालय में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
B - बच्चों के सीखने के लिए प्रतिरूपण (मॉडलिंग) एक मुख्य तरीका है।
C - अनसुलझा संकट बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है।
D - संज्ञानात्मक विकास सामाजिक विकास से स्वतंत्र है।

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शुकनासोपदेश प्रश्नोत्तरी

नोटः- यह सभी प्रश्न किसी न किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये हैं । प्रश्न 1 - बाणभट्टस्य गद्ये रीतिरस्ति - पञ्चाली प्रश्न 2- शुकनासोपदेश...