सोमवार, 1 जून 2020

कौन जानता है ?


अधूरी कुछ ख्वाहिशें हैं, अधूरी है जिन्दगी
अधूरे कुछ हम हैं, अधूरे कुछ तुम
कब पूरी होगी ये दास्तां अधूरी 
कौन जानता है ?
कुछ चुप है हम, कुछ चुप हो तुम
कब तक रहेंगे मौन हम
कौन जानता है ?
पहले पास होकर भी दूर थे हम
दूर होकर भी अब है पास हम
ये मीलों का फासला कब खत्म होगा
कौन जानता है ?
वृक्ष की शीतल छांव सा सुकून दिया था तुमने
कुछ ही तो दूर चले थे साथ तुम्हारे
कौन सी आंधी से आशियाना टूटा कब
कौन जानता है ?
शुभ्र ही श्वेत है, श्वेत ही शुभ्र
आनन्द ही श्वेतमय है या श्वेत ही आनन्दमय
इन दोनों में अन्तर क्या 
कौन जानता है ?

कोई टिप्पणी नहीं:

शिव मंदिर में कछुआ और नन्दी की पूजा क्यों ?

     श्रावण मास आते ही शिव मन्दिर में शिव के भक्तगणों की भीड़ थामे नहीं थमती है। हर तरफ शिवमय वातावरण रहता है। बच्चे हों या बूढ़े सभी महादेव...